क्या अंकुर मर गया है?
मेरा नाम अंकुर धाकड़ है, मेरी कहानी का विवरण कुछ यूँ है।
'मैं आँगन में पहुँच कर मस्त मगन, बिजली से बिना डरे, जा रहा था।
मेरा मन गाँव वालों के अंधविश्वास को एक-दो गाली देने का कर रहा था, पर मैंने आसपास देखकर कार्यक्रम बदलना ही बेहतर समझा।
मैं कुछ आगे बड़ा तो मैंने आसमान में देखा, जहाँ बिजलियाँ लगातार उछल-कूद मचा रहीं थीं।
मैं डर गया, मैंने और भी ध्यान से देखा तो पाया कि विज्ञान को फेल करके कड़कड़ाती हुई बिजली, मेरी तरफ ही दौड़कर आ रही थी।
उसको देखकर मेरा कंठ निशप्राण हो गया, क्योंकि इससे पहले बिजली को अपनी ओर आते हुए तो मैंने पिछले सातों जन्मों में नहीं देखा था।
मैंने बचने के लिए बाथरूम में घुसना चाहा, पर वह इतने तेजी से आ...