तिरंगे को हम मानते हैं, हमारे बच्चों की शहादत तिरंगे में होती है, गाँव में इसमें लिपटे आते हैं। तिरंगे का अपमान सहन नहीं होगा। इनको देश से लगाव नहीं है, व्यापारी से लगाव है। इनको किसान से लगाव नहीं है, उसके अनाज से लगाव है। इनको मिट्टी से लगाव नहीं है, इनको अन्न से लगाव है। ये कील बोएँगे, हम अनाज बोएँगे। खेतों में हल किसान चलाएगा और देश की रक्षा जवान करेगा। इस मिट्टी की रक्षा जवान करेगा। वे काँटे लगाएँगे और हम फूल खिलाएँगे।
- राकेश सिंह टिकैत