1) "अनकही सच्चाई" पिताम्बर महतो की पैनी नजर की एक खुबसूरत झलक है, जो हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है साथ ही जीवन से जुड़ी उन सच्चाईयों से रुबरु कराती है जिनसे हम अनजान है | उनकी हर कविता उत्कृष्ट रचना का प्रतीक है जो हमें ज्ञान के साथ मनोरंजन प्रदान करती है |
कौशिक
(कला, साहित्य एवं संगीत प्रेमी और आर्किटेक्ट, दिल्ली |)
2) पिताम्बर महतो की पुस्तक "अनकही सच्चाई" दुर्लभ कविताओं का खजाना है, ये कवितायेँ एक विशेष ढांचे में अनुबंध हैं जिससे उनकी हर कविता अपने आप में अदभुत है | उर्दू और आधुनिक हिंदी के प्रभावशाली शब्दों का सरलतम प्रयोग इस पुस्तक को बाकी पुस्तकों से अलग करती है, यह नये पीढ़ी के पाठकों के लिए अस्वाद में व्यंजन की तरह है इसे हर पाठक को चखना चाहिए |
अक्षय शेलके
(मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सम्मानित छात्र इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेलीकॉम इंजीनियर और साहित्य प्रेमी, महाराष्ट्र |)
3) नवोदित शायर पिताम्बर महतो कि यह किताब खुबसूरत अल्फाज़ और गहरी जज्बातों से भरी हुई है जो जिन्दगी की फलसफ़ा को पेश करती है | हिंदी में लिखा इनका हर एक नज़्म दिल को छूने वाला और पढ़ने लायक है |
डॉ० हीरालाल कुम्हार
(शोध समीक्षक, लेखक एवं सहायक शिक्षक कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा)