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कब सुधरोगे तुम...?

ebook

सदियों पुरानी कहावत है की 'जो जैसा करता है उसे उसका उसी तरह का परिणाम भी मिलता है'। लेकिन कभी-कभी अच्छे लोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। वैसे भी ये दुनिया तो सुख और दुःख का संगम है। यहाँ पर हर इंसान को सुख और दुःख दोनों तरह के समुन्दर को पार करना पड़ता है और यही सार्वभौमिक सत्य है।


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Formats

Kindle Book
OverDrive Read
EPUB ebook

Languages

Hindi

सदियों पुरानी कहावत है की 'जो जैसा करता है उसे उसका उसी तरह का परिणाम भी मिलता है'। लेकिन कभी-कभी अच्छे लोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। वैसे भी ये दुनिया तो सुख और दुःख का संगम है। यहाँ पर हर इंसान को सुख और दुःख दोनों तरह के समुन्दर को पार करना पड़ता है और यही सार्वभौमिक सत्य है।


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