Error loading page.
Try refreshing the page. If that doesn't work, there may be a network issue, and you can use our self test page to see what's preventing the page from loading.
Learn more about possible network issues or contact support for more help.

Out from the Heart (दिल से निकले उद्गार

ebook

1904 में लगभग एक अनजान अंग्रेज़ जेम्स एलन ने एक छोटी पुस्तक 'अँज ए मैन थिकेंथ' लिखी। यह पुस्तक विश्व भर में स्वयं-सहायक पुस्तकों में से एक महान पुस्तक बन गई है – 'स्वयं को सामर्थ्य देना' ज्यादा उचित वर्णन है – क्योंकि यह न केवल यह उजागर करती है कि हमारी सफलता की कुंजी हमारे स्वयं के मन में है, बल्कि यह भी दिखलाती है कि हम कैसे इन कुंजियों का इस्तेमाल करें - जिससे कि उस महानतम संतुष्टि को प्राप्त कर सकें जिसकी हमने कभी कल्पना की थी।इस संशोधित संस्करण में मार्क एलन ने इस उत्कृष्ट कृति का नवीनीकरण किया है, उसकी भाषा को बदला है जो पुरानी और अप्रचलित हो गयी है, और संदेश की स्पष्टता को प्रखर किया है। उन्होंने जैसा तुम सोचते हो का उद्देश्य सभी के लिए दर्शित किया हैं, और विवरण किया है कि कैसे ये सिद्धान्त वास्तव में सर्वलौकिक हैं और सब पर लागू होते हैं चाहे उनका लिंग, उम्र, जाति, मत, सामाजिक वर्ग या शिक्षा कुछ भी क्यों न हो।जैसा तुम सोचते हो एक साधारण लेकिन फिर भी शक्तिशाली स्मरण है कि हम जो भी प्राप्त करते हैं और जो भी प्राप्त करने में असफल होते हैं, वह हमारे अपने विचारों का साक्षात फल हैं। हम अपने भाग्य के निर्माता हैं।.


Expand title description text
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd.

OverDrive Read

  • ISBN: 9789354862410
  • Release date: August 12, 2021

EPUB ebook

  • ISBN: 9789354862410
  • File size: 197 KB
  • Release date: August 12, 2021

Formats

OverDrive Read
EPUB ebook

Languages

Hindi

1904 में लगभग एक अनजान अंग्रेज़ जेम्स एलन ने एक छोटी पुस्तक 'अँज ए मैन थिकेंथ' लिखी। यह पुस्तक विश्व भर में स्वयं-सहायक पुस्तकों में से एक महान पुस्तक बन गई है – 'स्वयं को सामर्थ्य देना' ज्यादा उचित वर्णन है – क्योंकि यह न केवल यह उजागर करती है कि हमारी सफलता की कुंजी हमारे स्वयं के मन में है, बल्कि यह भी दिखलाती है कि हम कैसे इन कुंजियों का इस्तेमाल करें - जिससे कि उस महानतम संतुष्टि को प्राप्त कर सकें जिसकी हमने कभी कल्पना की थी।इस संशोधित संस्करण में मार्क एलन ने इस उत्कृष्ट कृति का नवीनीकरण किया है, उसकी भाषा को बदला है जो पुरानी और अप्रचलित हो गयी है, और संदेश की स्पष्टता को प्रखर किया है। उन्होंने जैसा तुम सोचते हो का उद्देश्य सभी के लिए दर्शित किया हैं, और विवरण किया है कि कैसे ये सिद्धान्त वास्तव में सर्वलौकिक हैं और सब पर लागू होते हैं चाहे उनका लिंग, उम्र, जाति, मत, सामाजिक वर्ग या शिक्षा कुछ भी क्यों न हो।जैसा तुम सोचते हो एक साधारण लेकिन फिर भी शक्तिशाली स्मरण है कि हम जो भी प्राप्त करते हैं और जो भी प्राप्त करने में असफल होते हैं, वह हमारे अपने विचारों का साक्षात फल हैं। हम अपने भाग्य के निर्माता हैं।.


Expand title description text