ज़िन्दगी के न बनो, ज़िन्दगी को ही अपना बना लो इस कदर, कि जब मौत आए तो ज़िंदगी खुद जाने से मना कर दे........!!!
प्यार को इस कद्र बसा लो रगो में अपनी की जब नफरत भी दर खटखटाए तो मोहब्बत सीख जाए.......!!!
धर्मों में नहीं, धर्मत्माओं में नहीं, कुलो में नहीं, सभ्यताओं में नहीं, ढूंढ़ना ही है मुझे तो बस कुछ इंसानों में ढूंढ लेना....!!!