"सिर्फ़ ज्ञान चतुर्वेदी एक ऐसा व्यंग्य-लेखक है, जिसकी प्रतिभा किसी गंवई स्टेशन पर दूर से आती हुई डाकगाड़ी की हेडलाइट की भांति चमकती है और जो धड़धड़ाती हुई आगे निकल जाती है। लिखने में सचमुच अद्वितीय, ज्ञान चतुर्वेदी उन विरले लेखकों में से हैं, जो 'क्लासिकल' होने की सारी आशंकाएँ अपने भीतर समेटे हैं।"
- रवींद्रनाथ त्यागी